आज शरद ऋतु का चाँद उतर आया है मेरें आँगन में। आज शरद ऋतु का चाँद उतर आया है मेरें आँगन में।
न घबराना है न मुरझाना है बस चलते चले जाना है! न घबराना है न मुरझाना है बस चलते चले जाना है!
यूं तो हर किसी की कोई न कोई कहानी है रवानी है, जवानी है दीवानगी भी रूहानी है पर यूं तो हर किसी की कोई न कोई कहानी है रवानी है, जवानी है दीवानगी भी र...
धरती ही परिवार मेरा,धरती ही संसार है , जग मे कितने रिश्ते बिखरे,सब से अपना प्यार है। धरती ही परिवार मेरा,धरती ही संसार है , जग मे कितने रिश्ते बिखरे,सब से अपना प्...
धर्म का मूल संस्कार है, धरती ही परिवार है, वसुधैव कुटुम्बकम का आधार है, उदार हृदय धर्म का मूल संस्कार है, धरती ही परिवार है, वसुधैव कुटुम्बकम का आधार है, ...
इंसानों आँखो ही आँखों मे भविष्य के सुनहरे सपने देखता है, जिंदगी भर ना जाने क्यों इसी इंसानों आँखो ही आँखों मे भविष्य के सुनहरे सपने देखता है, जिंदगी भर ना जाने क्...